फिर धनुष उठाओ
हे राम, कहाँ हो,
फिर तुम आओ
साधु संतो के रक्षक
फिर धनुष उठाओ
अत्याचारी, असुरो को
फिर तुम मार गिराओ
हे राम हमारे संतो को
राक्षसों पर विजय दिलाओ
दो संतो पर दानव सहस्त्र
काल बन कर टूट पड़े
लाज न आई इनको
निहत्थों को डंडे कई जड़े
बनकर यमराज तुम
धरती का बोझ उठाओ
हे राम, कहाँ हो,
फिर तुम आओ
साधु संतो के रक्षक
सतयुग में लीलाएं देखी
कलयुग में बाण सध
,
फिर तुम आओ
साधु संतो के रक्षक
फिर धनुष उठाओ
अत्याचारी, असुरो को
फिर तुम मार गिराओ
हे राम हमारे संतो को
राक्षसों पर विजय दिलाओ
दो संतो पर दानव सहस्त्र
काल बन कर टूट पड़े
लाज न आई इनको
निहत्थों को डंडे कई जड़े
बनकर यमराज तुम
धरती का बोझ उठाओ
हे राम, कहाँ हो,
फिर तुम आओ
साधु संतो के रक्षक
फिर धनुष उठाओ
सतयुग में लीलाएं देखी
कलयुग में बाण सधाओ
हे राम, कहाँ हो
फिर तुम आओ
साधु संत के रक्षक
फिर धनुष उठाओ
परशुराम के वंशज
ब्राह्मण रक्त बहाओ
उठाओ अस्त्र,
करो संहार
पापियों से धरा को
मुक्त करवाओ
हे राम, कहाँ हो
फिर तुम आओ
साधु संतो के रक्षक
फिर धनुष उठाओ !