हे राम, कहाँ हो, फिर तुम आओसाधु संतो के रक्षक फिर धनुष उठाओअत्याचारी, असुरो को फिर तुम मार गिराओहे राम हमारे संतो को राक्षसों पर विजय दिलाओदो संतो पर दानव सहस्त्र काल बन कर टूट पड़ेलाज न आई इनको निहत्थों को डंडे कई जड़ेबनकर यमराज तुम धरती का बोझ उठाओहे राम, कहाँ हो, फिर तुम […]Read More